Ambala: हरियाणा रोडवेज GM ने एक कर्मचारी को किया बर्खास्त तीन का किया तबादला और 1 पर लगा बड़ा जुर्माना

अंबाला :- कुछ समय पहले हरियाणा सरकार ने रोडवेज विभाग में ई टिकटिंग सुविधा को लागू किया था। लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने ई टिकटिंग के तहत लाखों रुपए का घोटाला किया है। सबसे पहले अंबाला के बस डिपो में घोटाले की खबर सामने आई थी।

Ambala Bus Stand Enquiry number

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उसके बाद अंबाला में घोटाले की जांच की गई। जांच के बाद मुख्यालय ने रोडवेज के 12 कर्मचारियों पर कार्रवाई की, जिसमें से 6 कर्मचारियों का चार्ट शीट किया। कहा जा रहा है कि टिकट घोटाले में एक कर्मी को बर्खास्त, तीन का तबादला और दो पर जुर्माना लगाया गया है ।

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अंबाला में ई टिकटिंग के घोटाले में 6 कर्मचारियों को किया गया चार्ट शीट

आप सबको पता ही होगा कि अंबाला में सबसे पहले ई टिकटिंग में घोटाले की खबर सामने आई थी। इसमें कर्मचारियों ने लोगों की टिकट तो काट दी मगर टिकट के पैसे को राजस्व में जमा नहीं कराया। जितनी भी ऑनलाइन टिकट बुक होती थी उन सब को रद्द कर दिया गया।

इसके बाद अंबाला डिपो में जांच की गई और 12 कर्मचारियों पर कार्रवाई की। जांच के बाद 6 कर्मचारियों को चार्ज शीट किया गया। एक को बर्खास्त किया, तो तीन पक्के कर्मचारी का तबादला कर दिया। वहीं दो कर्मचारियों के ऊपर 10- 10000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

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जिस कर्मचारी को हरियाणा रोडवेज से बर्खास्त किया गया है वह व्यक्ति कौशल निगम के तहत परिचालक के पद पर कार्यरत था। वहीं जिन तीन पक्के कर्मचारी का तबादला हुआ है उसमें विक्रम सिंह, रमेश कुमार और पंकज कुमार शामिल है।

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी ने ऐसे किया गया था घोटाला

अंबाला में बहुत से यात्री हैं जो लुधियाना तक का सफर तय करते हैं। इन यात्रियों को ई टिकट दी जाती थी लेकिन रास्ते में परिचालक डिपो में फोन करके मशीन में दिक्कत का बहाना बना देता था और मशीन में End ड्यूटी कर दी जाती थी। इसके बाद बुकिंग इंचार्ज End Duty का बटन दबा देता था।

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इससे टिकट की जानकारी खत्म हो जाती थी। इसके बाद जब भी परिचालक बस को नए रूट पर लेकर जाता तो ई टिकटिंग मशीन में शुरू से टिकट को रिकॉर्ड किया जाता था और परिचालक इस राशि को डिपो में जमा करवा देता था।

लेकिन जब परिचालक रोजाना यह है काम करने लगा तब अधिकारियों को शक हुआ की बसों में डीजल की मात्रा ज्यादा है लेकिन कमाई बहुत कम हो रही है। वहीं बस में लगे मीटर में किलोमीटर भी अधिक है। इसके बाद मुख्यालय के साथ जुड़े सर्वर को खंगाल तो सारा गोलमाल सामने आ गया।

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