करनाल डिपो में भी 17 परिचालक चार्ज शीट जाने ऐसा क्यों हो रहा है अचानक
करनाल :- हरियाणा में सरकार ने भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हरियाणा रोडवेज विभाग में ई टिकटिंग को शुरू किया था। लेकिन अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलकर ई टिकटिंग में भी घोटाला करने का जुगाड़ बना लिया है। कुछ समय पहले अंबाला में ई टिकटिंग के तहत लाखों रुपए का घोटाला किया गया था। इसके बाद अब करनाल में भी टिकटिंग के तहत 86000 का घोटाला सामने आया है। जांच से पता लगा है कि यह घोटाला दो बुकिंग इंचार्ज और 17 कंडक्टर ने मिलकर किया है। आईए जानते हैं क्या है पूरी खबर।
करनाल में भी ई टिकटिंग के तहत किया कर्मचारियों ने घोटाला
हाल ही में खबर आई है कि करनाल में भी ई टिकटिंग के तहत महाप्रबंधकों की तरफ से परिचालकों और दो बुकिंग इंचार्ज को चार्जशीट कर दिया गया है। क्योंकि इन सब ने मिलकर 86000 का घोटाला किया है। कार्रवाई करने के लिए मुख्यालय को पत्र लिख दिया गया है। मामले की जांच को देखते हुए आरोपियों ने टिकट की राशि विभाग में जमा कर दी है। फिलहाल विभाग में घोटाले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। आरोपियों में एक आरोपी सुरेश कुमार भी शामिल है जिन्होंने करीब 24000 रुपए का घोटाला किया है। सुरेश ने अभी तक घोटाले की राशि जमा नहीं कराई है।
भिवानी में भी तीन परिचालकों ने दिया घोटाले को अंजाम
केवल करनाल और अंबाला में ही नहीं बल्कि भिवानी में भी घोटाले की खबर सामने आई है। भिवानी डिपो में भी तीन प्रचालकों पर घोटाले के लिए कार्रवाई की गई है। इसके अलावा 10 व्यक्तियों पर कमेटी की नजर है। भिवानी में जिन तीन व्यक्तियों पर कार्रवाई की गई थी उनमें से दो ने राशि जमा कर दी है। वही एक व्यक्ति से अभी डेढ़ लाख रुपए लेने बाकी हैं।
कैसे किया जाता है घोटाला
घोटाला करने के पीछे लोगों ने काफी दिमाग लगाया है। परिचालकों ने मशीन से ऑनलाइन टिकट काट कर यात्रियों को दे दी है। नियम के अनुसार हर रोज ड्यूटी खत्म होने के बाद परिचालक को कैश जमा करना होता है। इसके बाद ही रिकॉर्ड ड्यूटी क्लोज होती है। जो परिचालक लंबे रूट पर जाते हैं उन्हें दो दिन बाद कैश जमा करना होता है और छोटे रूट वालों को रोजाना कैश जमा करना होता है। उसके बाद ही उनकी ड्यूटी क्लोज होती है।
ड्यूटी क्लोज करने के बाद मशीन का सारा रिकॉर्ड 0 हो जाता है और नई रूट के हिसाब से मशीन को दोबारा सेट किया जाता है । लेकिन कई बार कर्मचारी आपात स्थिति का बहाना बनाकर ड्यूटी क्षेत्र में फोन कर के नए रूट में जाने की परमिशन लेते हैं और दिन की ड्यूटी क्लोज करवा कर दूसरे रूट पर ड्यूटी लगवा लेते हैं। ड्यूटी क्लोज करवाने के बाद परिचालक उस दिन का पैसा जमा नहीं करवाते हैं जबकि अगले रूट का पैसा जमा करवा देते हैं। ऐसा करके कर्मचारी घोटाले को अंजाम देते हैं।