Haryana Roadways New Time Table: दशकों बाद दोबारा बनेगा टाइम टेबल, दूसरे राज्यों की बसों पर रहेगी नजर
Haryana Roadways New Time Table:- दशकों बाद आईएसबीटी-17 में विभिन्न राज्यों की बसों के लिए समय सारिणी बनाने का काम शुरू हो गया है. यह जिम्मेदारी एसटीए रूपेश कुमार ने अपने हाथों में ली है. समय सारिणी बनाने से पहले यह सर्वे किया जा रहा है कि आईएसबीटी-17 और 43 से किस राज्य की कितनी बसें आती-जाती हैं. इसके आधार पर आने वाले दिनों में समय सारिणी जारी की जाएगी. आईएसबीटी-17 में सर्वे पूरा हो चुका है और अब आईएसबीटी-43 में सर्वे का काम चल रहा है.
आईएसबीटी-17 से हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के विभिन्न जिलों के लिए बसें जाती हैं, लेकिन कई दशकों से समय सारिणी नहीं बन पाई है. इसके चलते चंडीगढ़ का दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. फिलहाल आपसी समझौते के आधार पर आईएसबीटी-17 से बसें चलाई जा रही हैं, जिसका खामियाजा सीटीयू को भुगतना पड़ रहा है.
कई रोडवेज अपनी मनमर्जी से बसें चला रहे हैं. इस समस्या को खत्म करने के लिए एसटीए रूपेश कुमार ने एक समय सारिणी बनाने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि कार्यालय में बैठकर कागजात देखने से समय सारिणी नहीं बनाई जा सकती. इसके लिए सबसे पहले यह पता होना चाहिए कि वर्तमान में किस राज्य से कितनी बसें आ-जा रही हैं. इसलिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया जो आईएसबीटी-17 और आईएसबीटी-43 में 72 घंटे तक लगातार बसों की निगरानी कर रही हैं.
उन्होंने बताया कि आईएसबीटी-17 में यह सर्वे पूरा हो चुका है और अब आईएसबीटी-43 में सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है. सर्वे पूरा होने के बाद ही समय सारिणी के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. आपको बता दें कि पिछली बार साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट में एक मामले के बाद केवल कुछ रूटों की समय सारिणी बनाई गई थी, लेकिन कई दशकों तक ज्यादातर रूटों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
सर्वे को लेकर कई सड़कों पर आवाजाही है
एसटीए के आदेश पर टाइमटेबल को लेकर चल रहे सर्वे से चंडीगढ़ के विभिन्न रोडवेज में हड़कंप मच गया है. सूत्रों के मुताबिक आईएसबीटी-17 से कुछ ऐसे रोडवेज रूटों के लिए भी बसें चल रही हैं, जिन्हें मंजूरी नहीं मिली है. समय सारिणी लागू होने के बाद ये सभी रूट बंद हो सकते हैं. एसटीए रूपेश कुमार ने बताया कि फिलहाल केवल बसों और रोडवेज की आवाजाही की जानकारी जुटाई जा रही है.अभी परमिट आदि की कोई जांच नहीं की जा रही है. हालांकि, सर्वे पूरा होने के बाद जिन बसों के पास परमिट है, उसके आधार पर समय सारिणी लागू की जाएगी.