एक महीने से जींद वर्कशॉप में खड़ी 17 बसें फाक रही धूल, अभी तक पासिंग और फास्टैग का इंतजार
जींद :- रोडवेज विभाग द्वारा हर साल काफी सारी बसों को बेड में शामिल किया जाता है। हाल ही में खबर आई है कि पिछले महीने यानी कि अक्टूबर की 21 तारीख को जींद डिपो में परिवहन विभाग द्वारा 17 नई बसों को जोड़ा गया था। लेकिन अभी तक इन बसों को ऑन रूट नहीं किया गया है। बसों को ऑन रोड करने से पहले बस का बीमा, पासिंग और फास्टैग लगना जरूरी है। पूछताछ से पता लगा है कि अभी तक इन नई बसों का केवल बीमा पॉलिसी का कार्य ही पूरा हुआ है, जबकि इन बसों का बस पासिंग का कार्य और फास्टैग लगने का कार्य अभी भी पेंडिंग है। बस पासिंग के लिए सभी बसों को पहले रोहतक भेजा जाएगा उसके बाद बस को टेंपरेरी नंबर दिया जाएगा। यह सब होने के बाद बस पर फास्टैग लगाए जाएंगे, जिसमें अभी एक सप्ताह से ज्यादा समय लगने की उम्मीद है। लेकिन यात्रियों को इन नई बसों के संचालन का बेसब्री से इंतजार है।
जींद बस डिपो में पिछले महीने शामिल हुई थी 17 नई बस
डिपो में 17 बस आने के बाद रोडवेज बस की संख्या 194 हो गई है। इन सभी बस में से 177 बसों को रूट पर संचालित किया जाता है। इन 177 बस में से 37 बस किलोमीटर स्कीम के आधार पर चलाई जाती है, जिस पर चालक परिवहन समिति का ऑपोरेटर व परिचालक रोडवेज कर्मचारी होता है। जींद बड़े में बसों की संख्या के अनुसार चालक और परिचालक की संख्या काफी कम है। अगर हम अभी की बात करें तो डिपो में 267 परिचालक व 243 चालक है, वही 194 बस के अनुसार डिपो पर 330 चालक व परिचालक की जरूरत होती है।
चालक व परिचालकों को करना पड़ता है ओवरटाइम
ऐसे में बसों का संचालन जारी रखने के लिए चालक व परिचालकों को ओवरटाइम करना पड़ता है। हर महीना चालक व परिचालक 40 से लेकर 90 घंटे तक का ओवरटाइम करते हैं। परिवहन विभाग का कहना है कि HKRN के तहत जल्द ही बेड में 30 परिचालक भेजे जाएंगे। इससे पहले भी जींद बस डिपो पर HKRN के तहत 23 परिचालकों की भर्ती की गई थी।