Premium Bus Service Delhi: जाने क्या होती है प्रीमियम बसें, अब दिल्ली की सड़कों पर भरती दिखेंगी उड़ान

Premium Bus Service Delhi:- कुछ महीनो के बाद दिल्ली की सड़कों पर चमचमाती बेस नजर आने लगेंगी. अगर आप दिल्ली के किसी हिस्से में कहीं और जाना चाहते हैं तो आप सभी को कार्य निकालने की जरूरत महसूस नहीं होगी उसे बस में ना तो कोई भीड़भाड़ ना होगी साथ ही साथ आप आराम से उसे बस में बैठकर यात्रा करने के सुविधा तथा बस में वाईफाई व्यवस्था सुरक्षा के लिए सीसीटीवी का इंतजाम भी कर गया है और क्या चाहिए. अब आप सब के मन में सवाल उठ रहा होगा कि इसका किराया कितना होगा स्वाभाविक है जब एक बस में इतनी सारी सुविधा मिलेगी तो उसे बस का किराया भी अधिक होगा.

DTC BUS

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लेकिन उसे बस की किराए की कीमत आपकी सांस और स्वास्थ्य से कम ही होगी. अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की आबोहवा को साफ रखने के लिए प्रीमियम बसों को सड़कों पर उतरने की सहमति दे दी है. बस एग्रीगेटर पॉलिसी 2023 को उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है. सीएम केजरीवाल ने कहा की देर से ही सही अब प्रीमियर बसे दिल्ली की सड़कों पर नजर आने लगेंगी. इसका बड़ा फायदा यह होगा कि न सिर्फ लोगों को दमघोटूं हवा से मुक्ति मिलेगी बल्कि सड़कों से कारों की संख्या में कमी आएगी. अब आपके जेहन में कई तरह के सवाल भी उठ रहे होंगे कि ये प्रीमियम बसें क्या हैं और इन्हें प्रीमियम क्यों कहा जा रहा है.

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क्या हैं प्रीमियम बस सेवा

1. इसमें एक लाइसेंस होल्डर को 25 बसों को सड़कों पर उतरनी की अनुमति मिलेगी.

2. ये बस ऐसी वाली होगी और इसमें 9 लोग बैठ सकेंगे.

3. इन बसों में वाईफाई, जीपीएस, और सीसीटीवी की सुविधा होगी.

4. इन बसों में खड़े होकर यात्रा की इजाजत नहीं होगी.

5. बसों में सीटों की बुकिंग एप के मध्य होगी.

6. मौके से यानी किसी स्टॉप से पैसेंजर बस में सवार नहीं हो सकेंगे.

7. ये बस सभी स्टॉप पर नहीं रुकेंगी.

8. पहले 3 साल पुरानी सीएनजी बसों को उतारने की इजाजत.

9. 1 जनवरी 2024 से इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जाएगा.

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10. इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने के लिए लाइसेंट फी से नहीं लगेगा.

2016 से लटका था मामला

प्रीमियर पर सेवा के बारे में बताते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस प्रस्ताव को 2016 में ही दिया गया था. हालांकि तत्कालीन एलजी नजीब जंग ने सहमति नहीं दी यही नहीं 2016 में ही बीजेपी के नेता भी इस मामले को एंटी करप्शन ब्रांच तक लेकर गए उन्होंने स्कीम में भ्रष्टाचार नजर आ रहा था यह बात अलग है की कुछ भी नहीं मिला इतने वर्षों के संघर्ष के बाद सरकार ने जब एग्रीगेटर पॉलिसी को सहमति दे दी है उपराज्यपाल से मंजूरी के बाद 90 दिनों के भीतर इन बसों को सड़कों पर उतार दिया जाएगा.

Author Sunil Rajput

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम सुनील कुमार है. मैं इस वेबसाइट की एडमिन टीम से हूँ. और बतौर कंटेंट राइटर भी कार्य करता हूँ. मैंने इससे पहले खबरी एक्सप्रेस और पंजाब केसरी में अपनी सेवाएं बतौर कंटेंट राइटर दी है. मेरा मुख्य उद्देशय आप सभी को हरियाणा रोडवेज बसों से जुडी जानकारी प्रदान करना है.

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