हरियाणा रोडवेज में चालको परिचालकों को अब दोबारा से मिलना शुरू होगा ओवरटाइम
सिरसा :- हरियाणा रोडवेज द्वारा कुछ जिलों के बेड़ों में नई बसों को शामिल किया गया था, जिससे वाहन चालक और परिचालक की कमी हो गई थी। ऐसे में चालक और परिचालक को बसों का संचालन करने के लिए ओवरटाइम करना पड़ता है।
लेकिन आज से 5 साल पहले ओवरटाइम पॉलिसी को खत्म करने की योजना बनाई गई थी। परंतु हरियाणा रोडवेज बस चालक परिचालकों को सरकार एक बार फिर से ओवर टाइम पॉलिसी का लाभ देने के मूड में है। लेकिन सरकार ने इसके लिए एक कंडीशन लगाई है।
चालक व परिचालक 1 दिन में 2 घंटे और महीने में अधिकतम 60 घंटे ओवर टाइम कर सकते हैं। परिवहन मंत्रालय के इन प्रयास से न केवल रोडवेज चालक परिचालक को फायदा मिलेगा बल्कि बस सेवाओं में भी काफी सुधार होगा। ओवरटाइम के बाद आसपास के लोकल रूट पर बसों के फेरे की संख्या बढ़ेगी वहीं यात्रियों को रात में भी अच्छी बस सुविधा दी जाएगी।
एक बार फिर से हरियाणा रोडवेज विभाग में शुरू किया ओवरटाइम
अगर हम हरियाणा के सिरसा जिले की बात करें तो यहां पर 110 रूटों पर हरियाणा रोडवेज डिपो की कुल 235 बस ऑन रोड है। इनमें से तीन बस दिल्ली, चंडीगढ़ सहित अन्य लंबे रूटों पर चलाई जाती हैं। जबकि बाकी 205 बस को आसपास के लोकल रूट पर संचालित किया जाता है। एक दिन में लगभग हरियाणा रोडवेज बस से 40000 से ज्यादा मुसाफिर सफर करते हैं। रोडवेज विभाग यात्रियों को बेहतर सेवाएं देने का प्रयास करती रहती है ।
2018 में बंद की थी ओवरटाइम पॉलिसी
2018 में मांग को समर्थन करने के लिए कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हड़ताल की थी। उस समय 17 दिनों तक बसों का चक्का जाम रखा गया था। सरकार ने आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत चालक परिचालक को हायर करके बस चलाने के प्रयास किए थे। इन चालक परिचालक को अब हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत भर्ती किया जा चुका है।
इतना ही नहीं उस समय सरकार ने रोडवेज डिपो से नियमित घाटे की भी जांच पड़ताल की थी। उस समय ओवरटाइम पॉलिसी से सरकार को मोटी चपत लगी थी ऐसा बोलकर सरकार ने कर्मचारियों के ओवर टाइम को बंद कर दिया था और निर्देश जारी किए गए थे कि अगर किसी भी कर्मचारी को ओवरटाइम दिया गया तो जीएम, टीएम और डीआई की सैलरी से ओवरटाइम की राशि को काटा जाएगा।