Haryana Roadways : हरियाणा रोडवेज एक दिन चक्का जाम से कितना हुआ नुकसान , आखिर कौन है इसका जिम्मेवार

चंडीगढ़ :- हरियाणा रोडवेज की बसों को लेकर आए दिन नई खबर सामने आती है। भैया दूज के दिन हरियाणा रोडवेज की बसों का चक्का लगभग 24 घंटे तक जाम रहा था, जिस वजह से लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। केवल यात्रियों को ही नहीं बल्कि चक्का जाम होने से रोडवेज की कई करोड़ की कमाई का भी नुकसान हुआ। गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि लाखों लोगों को परेशान करने और रोडवेज को करोड़ों रुपए का नुकसान करने के लिए आखिरकार कौन जिम्मेवार है?

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

क्यों किया भैया दूज पर हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम

अंबाला छावनी में रोडवेज के एक कर्मचारी की हत्या की गई थी जिस वजह से रोडवेज कर्मचारी काफी नाराज थे। उनकी नाराजगी का कारण था की हत्या के आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है और ना ही मृतक कर्मचारियों के परिजनों को कोई मुआवजा और आश्रित को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। कर्मचारियों द्वारा की गई इस मांग पर अभी तक किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। कर्मचारियों ने चेतावनी भी दी मगर सरकार के किसी अधिकारी, मंत्री के तवज्जो नहीं दी, जिस वजह से भैया दूज के दिन कर्मचारियों ने 24 घंटे के लिए चक्का जाम किया।

See also  Haryana Roadways: हरियाणा रोडवेज के परिचालकों को रहना होगा सतर्क, इस कार्य में धोना पड़ सकता है नोकरी से हाथ

अधिकारियों ने मानी कर्मचारियों की मांग

भैया दूज को कर्मचारियों द्वारा चक्का जाम करने की घोषणा के बाद परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कर्मचारी संगठनों के नेताओं की अगले दिन शाम 5:00 बजे मीटिंग बुला ली। मगर आधी रात में ही बसों का चक्का जाम हो गया था। पूरे दिन हरियाणा रोडवेज की सभी बसें बंद रही। मीटिंग शाम 5:00 बजे होनी थी इसीलिए कर्मचारी मीटिंग में निकलने वाले हल‌ का इंतजार कर रहे थे। यह मीटिंग तीन दौर में पूरी हुई और आखिरकार कर्मचारियों की मांग को अधिकारियों को मनाना पड़ा। पुलिस ने कर्मचारी की हत्या करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया।

See also  हरियाणा रोडवेज इन रूटों पर चलाएगा AC Buses , बल्लमगढ़ डिपो में कल शाम पहुंची 2 चमचमाती AC बसें

अभी तक खाली पड़ा है राज्य परिवहन निदेशक का पद

अब गलियारे में बात हो रही है कि जब यही मांगे माननी थी तो चक्का जाम क्यों करवाया, पहले ही कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया?  गलियारे में यह भी कहा जा रहा है कि हरियाणा की गठबंधन सरकार रोडवेज जैसे महत्वपूर्ण विभाग के प्रति कितनी सीरियस है यह अंदाजा तो इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य परिवहन निदेशक का पद कई महीने से खाली पड़ा है। इससे पहले यह पद डॉक्टर वीरेंद्र दहिया ने संभाला हुआ था। जब से डॉक्टर वीरेंद्र को इस पद से बदल गया है उसके बाद से यहां पर किसी को भी नियुक्ति नहीं मिली है।

See also  Delhi To Jhajjar Bus: दिल्ली से झज्जर तक चलेंगी ई-बसें, महिलाएं करेंगी फ्री में सफर

सोनीपत में भी हुई थी हरियाणा रोडवेज बस चालक की घसीट कर हत्या

गलियारे में इस बात को लेकर भी चर्चा की जा रही है कि जब सोनीपत में रोडवेज बस चालक की घसीट कर हत्या की गई थी तब भी रोडवेज कर्मचारियों ने यूं ही चक्का जाम किया था। मगर तब समय रहते तत्कालीन निदेशक डॉक्टर वीरेंद्र दहिया ने यूनियन नेताओं को अपने पास मीटिंग में बुलाया। उसके बाद परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ मीटिंग की गई। लेकिन उस समय कोई बात नहीं बनी और यूनियन नेता नाराज होकर चले गए। मगर दहिया ने भी हार नहीं मानी और रात में 10:00 बजे मंत्री के आवास पर यूनियन नेताओं को रास्ते से बुलाकर फिर से मीटिंग की। उनकी मांग को पूरा किया गया और आधी रात में ही चक्का जाम खुलवा दिया गया। उसके बाद लगभग 12 लाख लोगों को यात्री सुविधा दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker