Haryana News : हरियाणा रोडवेज के इस डिपो में किलोमीटर स्कीम सहित 144 पर पहुंची बसों की संख्या
रेवाड़ी :- हरियाणा रोडवेज में बसों को 10 साल तक ही चला सकते हैं। इसके बाद इन बसों को कंडम घोषित कर दिया जाता है। रेवाड़ी में भी काफी सारी बस ऐसी हैं जो अपना 10 साल का टाइम पीरियड पूरा कर चुकी हैं। रेवाड़ी डिपो में पहले ही बसों की कमी चल रही है उसके बाद कुछ बस कंडम भी हो गई है ,
जिससे यात्रियों को और भी ज्यादा परेशानी हो रही है। हाल ही में रेवाड़ी डिपो को 10 बस दी गई है, जिससे बसों की कमी की समस्या कुछ हद तक दूर हुई है। रेवाड़ी बस डिपो में किलोमीटर स्कीम के तहत 144 बस चलाई जा रही हैं। बसों की कमी के कारण रेवाड़ी से चंडीगढ़, दिल्ली व जयपुर के रूट पर बसों का संचालन बंद किया गया है। पुराने साल के अंतिम दिन पर कैथल डिपो से 10 बस रेवाड़ी बस डिपो में शामिल की गई है जिससे कुछ हद तक समस्या दूर हुई है।
रेवाड़ी बस डिपो में शामिल की 10 नई बस
रेवाड़ी बस डिपो में बसों की कमी होने के कारण केवल लंबे रूट ही नहीं बल्कि लोकल रूटों पर भी बसों का संचालन बंद किया गया था। कुछ समय पहले भिवानी, चरखी दादरी, हिसार व बैजनाथ सहित कई रूट पर बस का संचालन नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब 10 नहीं बस मिलने के बाद कुछ रूटों पर दोबारा से बसों का संचालन शुरू किया गया है।
इससे पहले रेवाड़ी से चंडीगढ़ जाने वाली बस को भी बंद कर दिया गया था। डिपो में 177 बस होने की स्वीकृत है लेकिन अभी बस में डिपो में केवल 144 बस हैं। यानी 33 बस की अभी और जरूरत है। फिलहाल डिपो में 111 रोडवेज और 35 किलोमीटर स्कीम बसें चलाई जा रही है। इनमें से 40 बस bs6 मॉडल, 35 बस bs4 मॉडल तथा बाकी bs3 मॉडल की है। इनमें से 19 मिनी बस भी है।
इन बसों में है काफी सारी सुविधा
कैथल से 10 नई बस आने के बाद यात्रियों को काफी फायदा हुआ है। इन बसों में माइक की सुविधा भी है जिससे यात्रियों को स्टॉपेज आने पर अनाउंस भी कर सकते हैं। बस के अंदर माइक को स्पीकर के साथ कनेक्ट किया गया है। इसके अलावा इन सभी बसों में सीट पर स्विच भी लगे हैं जिसको दबाकर यात्री अपने स्टॉप पर आने की सूचना दे सकते हैं। इतना ही नहीं बस के गेट पर भी स्विच लगा है जिसको दबाकर परिचालक बस रुकवा सकता है।
पिछले साल 27 बस हुई कंडम
रेवाड़ी बस डिपो से हर रोज करीब 43 किलोमीटर तक का सफर तय किया जाता है। यहां पर जितनी भी किलोमीटर स्कीम की बसे हैं उन्हें केवल लंबे रूट पर चलाया जाता है और बाकी रोडवेज बसों को लोकल रूट पर संचालित किया जाता है।
रोडवेज डिपो में हर साल 10 साल पूरा करने से बस कंडम हो रही है। 2023 में करीब 27 बस कंडम होकर वर्कशॉप में खड़ी है। पिछले कुछ सालों के अंदर कुल 67 बस कंडम हो चुकी है। कंडम बसों की बोली की जाती है लेकिन कई सालों से इन बसों की बोली नहीं लग पा रही है, जिस वजह से यह बस वर्कशॉप में ही खड़ी है।