Delhi Electric Bus: यात्रिओ को हो रही परेशानी , इलेक्ट्रिक बस बिच रस्ते में दे रही धोखा
Delhi Electric Bus : बसों की कमी से जूझ रहे दिल्लीवालों की मुश्किलें अब ब्रेकडाउन ने बढ़ा दी है. पुरानी हो रही सीएनजी बसों के साथ एक साल पहले लाई गई इलेक्ट्रिक बसें भी बीच सफ़र में धोखा दे रही है, जिससे की यात्री काफी ज्यादा परेशान है कई बसों में तो बैटरी लो की समस्या है और वे सभी अपनी ट्रिप पूरी नहीं कर पा रही.
डीटीसी के बेड़े में 488 इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल की जा चुकी है इनमें बीते साल आई इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल की गई है. जिनकी रोहिणी सेक्टर-37 व मुढ़ेडा कला बस डिपो से परिचालन किया जा रहा है.
बीते कुछ समय से शिकायत आ रही है कि इन दोनों डिपो से चलने वाली करीब 200 बसों में रोजाना 10 से 15 में ब्रेकडाउन हो रहा है इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि बैटरी लो होना है सूत्रों के मुताबिक जिन बसों की ट्रिप 104 किलोमीटर तय की गई है वह 64 से 74 किलोमीटर बाद ही बैटरी लो होने के कारण भी सफर में ही खड़ी हो जाती है.
तकनीकी खामी आ रही
उधर, मायापुरी डिपो में दो महीने पहले शामिल की गईं इलेक्ट्रिक बसों में भी तकनीकी खामी के चलते ब्रेकडाउन हो रहा है. हालांकि कंपनी इसे दूर कर रही है पहले तो 30 से ज्यादा बसों में ही यह रोजाना समस्या आ रही थी लेकिन अब तो ये 5 से 10 में ही यह दिक्कत हो रही है. तकनीकी खराबी के चलते जुलाई में आने वाली इलेक्ट्रिक बसे अभी तक नहीं आई है नई इलेक्ट्रिक बेस किलोमीटर स्कीम के तहत चल रही है तो इस खराबी को वह ट्रिप पूरी नहीं होने के कारण डीटीसी प्रबंधन उन पर जुर्माना भी लग रहा है.
हर जोन में स्थिति खराब
इलेक्ट्रिक बसे के साथ डीटीसी की सीएनजी चालित बसों में ब्रेकडाउन की समस्या है.अगर आंकड़ों की माने तो बीते हर 15 दिन में 400 से 500 बसों का ब्रेकडाउन हो रहा है. डीटीसी में वर्तमान में कुल 3992 बस है इनमें से 3504 बस सीएनजी चालित और 488 इलेक्ट्रिक है. इनमें से रोजाना हर जोन में 100 से अधिक बसों का ब्रेकडाउन होने की शिकायत है अधिकारियों का कहना है कि यह 13 से 14 साल पुरानी बस है जिस कारण खराबी आ रही है.
लायक नहीं है तो बेड़े से तुरंत हटाई जाए
दिल्ली सरकार के अधिकारी वह सूत्रों के अनुसार बसों के ब्रेकडाउन की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीटीसी को ऐसी पुरानी बसों को हटाने के लिए कहा है जो की चलने लायक नहीं है या फिर बार-बार ब्रेकडाउन हो रहा है सरकार का कहना है कि अगर बेस नहीं चल पा रही है तो उन्हें बेड़े से हटा दिया जाए. आंकड़ों की मानें तो इस साल वैसे भी दिल्ली की सड़कों से अपनी अवधि पूरी कर चुकी करीब 650 बसें हटेगी इनमें से करीब 300 क्लस्टर और 350 डीटीसी की बसें भी होंगी.