Ambala News: अंबाला स्कूलों की 1200 बसों की 10 दिन के अंदर होगी जांच, पहले दिन 6 एंपाउंड
अंबाला :- दो दिन पहले महेंद्रगढ़ के कनीना गांव में एक स्कूल बस हादसा हुआ है, जिसमें काफी बच्चों की मौत हो गई है। इस हादसे के बाद सरकार ने प्रदेश भर में निजी स्कूलों की बसों की फिटनेस जांच करने का आदेश दिया है। आदेश देने के बाद अब बसों की फिटनेस जांच करने का काम शुरू हो गया है ।
हाल ही में खबर आई है कि बसों की जांच होने के बाद पांच स्कूली बस और एक इंस्टीट्यूट की बस को इंपाउंड किया गया है। दूसरी तरफ शुक्रवार को हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने चंडीगढ़ से आयोजित वीसी के माध्यम से डीसी एसपी और संबंधित अधिकारियों को सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत अगले 10 दिनों में स्कूलों के वाहनों को चेक करने के आदेश जारी किए हैं।
इतना ही नहीं साथ में यह भी निर्देश दिए हैं कि पॉलिसी के तहत मापदंडों को पूरा कर रहे हैं या नहीं इस चीज का पूरा ध्यान रखा जाएगा। अगर कोई भी नियम की अवहेलना करेगा तो तुरंत कार्रवाई होगी।
बसों की जांच को लेकर जारी हुआ आदेश
बसों की जांच के लिए एक बैठक की गई थी जिसमें आरटीए और रोडवेज अधिकारी शामिल हुए थे ।इसके उपरांत शिक्षा विभाग अधिकारियों की एसीएस ने भी बैठक की है ।बैठक में जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिले के निजी स्कूलों की बसों की संख्या के उनकी फिटनेस जांच के लिए भी एक शेड्यूल तैयार करने के आदेश दिए हैं।
अगर हम अंबाला की बात करें तो 10 दिन में 23 अप्रैल तक सभी निजी स्कूलों की बसों की फिटनेस की जांच होगी। इसके लिए भी एक शेड्यूल तैयार किया गया है। अंबाला जिले में करीब 300 से ज्यादा निजी स्कूल है और इन स्कूलों में 1200 से ज्यादा बस हैं और इन सभी बसों की फिटनेस जांच की जाएगी। जो भी स्कूल पॉलिसी के मापदंड को पूरा नहीं करेगा उसके खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
9 साल पहले भी हाई कोर्ट ने बसों की जांच को लेकर दिया था आदेश
आज से 9 साल पहले भी हरियाणा हाई कोर्ट ने आदेश जारी किए थे और उस दौरान मॉनिटरिंग अथॉरिटी बनाकर निजी स्कूलों में बसों की फिटनेस जांच की गई थी। उस दौरान बसों की जांच 2016 से 2018 के बीच हुई थी ।लेकिन उसके बाद से निजी स्कूलों में जाकर किसी ने बसों को चेक नहीं किया ना ही बस चालकों की पुलिस वेरिफिकेशन की गई और ना ही किसी की मेडिकल जांच हुई।
निजी स्कूल नियमों की पालना नहीं करते हैं। निजी स्कूल के बसों में सीसीटीवी भी नहीं है, जबकि हाई कोर्ट द्वारा रूल बनाया गया है कि हर बस में सीसीटीवी होना जरूरी है और सीसीटीवी का 15 दिन का बैकअप रखना भी जरूरी है। लेकिन कोई भी इस रूल का पालन नहीं करता है।