Punjab Roadways News: पंजाब रोडवेज कर्मियों का बड़ा फैसला, अब बसों में जितनी सीटें उतनी ही होंगी सवारी
पंजाब, Punjab Roadways News :- आए दिन हरियाणा रोडवेज बस से हजारों लोग सफर करते हैं। बहुत बार तो बस में जगह न मिलने पर यात्री खिड़की में खड़े होकर यात्रा करते हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है। इसी परेशानी को खत्म करने के लिए पंजाब में रोडवेज कर्मचारी अगले महीने हड़ताल करने वाले हैं। यह हड़ताल तीन दिन की होगी। इसका ऐलान सोमवार को किया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि अब से बस में जितनी सीट होगी सिर्फ उतनी ही सवारियों को बैठाया जाएगा और यह नियम 23 जनवरी से लागू होगा।
13 से 15 फरवरी तक रोडवेज के कर्मचारी करेंगे हड़ताल
पंजाब रोडवेज विभाग ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 13 से 15 फरवरी तक राज्य भर में हड़ताल करने का फैसला लिया है। साथ ही नए ट्रैफिक कानून का विरोध करते हुए 23 जनवरी से बसों में सीटों की संख्या के अनुसार 50 से 52 सवारी को बैठने का फैसला लिया है, यानी अब से बस में जितनी सीट होगी उतनी ही सवारियों को बैठाया जाएगा। इससे ज्यादा सवारी बस में नहीं बैठेंगी। हाल ही में हुई बैठक में राज्य के 27 डिपो के कर्मचारी नेताओं ने भाग लिया है। बैठक में फैसला लिया गया है कि राज्य सरकार द्वारा सभी प्रयासों के बावजूद कर्मचारियों की लंबित मांगे और जिन मार्गों पर सरकार द्वारा सहमति भी दे दी गई है को पूरा नहीं करने के विरोध में 13 से 15 फरवरी को हड़ताल की जाएगी। नेताओं का कहना है कि परिवहन विभाग ने आश्वासन के बाद भी ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया है।
23 जनवरी से कर्मचारी करेंगे नए नियम लागू
हाल ही में हुई बैठक में कर्मचारियों ने यह भी फैसला लिया है कि कर्मचारियों की मांगों के लिए आंदोलन को तेज करते हुए 22 जनवरी को राज्य के सभी बस डिपो पर गेट रैलियां की जाएगी। इतना ही नहीं 26 जनवरी को मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून के खिलाफ भी बैठक में बातचीत की गई है। नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कानून को एक तरफा और वाहन चालकों के लिए घातक बताते हुए इस कानून को रद्द करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि बस में सीट से ज्यादा सवारी बैठाने के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है। नया कानून लागू होने के बाद अगर कोई भी हादसा होता है तो उसमें चालक ही दोषी माना जाएगा। ऐसे में 23 जनवरी से बस में केवल 50 या 52 यात्री ही सफर करेंगे। कोई भी बस ओवरलोड नहीं होगी, जिससे हादसे होने की उम्मीद कम होगी।