निजी बस संचालको ने लगाया सरकार को 1,03,00,000 रुपय का चुना , स्टेज कैरिज बस परमिट16 निजी बसे चल रही है हिसार-दिल्ली रूट पर
चंडीगढ़:- हरियाणा राज्य परिवहन विभाग में बस स्टैंड फीस को लेकर गड़बड़झाला सामने आया है. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में हरियाणा राज्य परिवहन विभाग ने खुद माना है कि एक बस सेवा सोसायटी की 16 बसों का बस स्टैंड शुल्क 2016 से जमा नहीं किया गया है. जिस पर सरकार को एक करोड़ 3 का चूना लगाया गया है.
करोड़ों बकाया होने के बाद भी अधिकारियों ने एनओसी दे दी
हैरानी की बात यह भी है कि हर साल बस सर्विस सोसायटी का परमिट रिन्यू करते समय करोड़ों बकाया होने के बावजूद भी रोहतक, झज्जर, हिसार रोडवेज के अधिकारियों ने एनओसी दे दी. जांच हुई तो कई रोडवेज अधिकारी भी प्रभावित होंगे.
इन अफसरों की वजह से एक सोसायटी ने रोडवेज को करोड़ों की चपत लगा दी. वही उच्च स्तरीय विभागीय जांच कराई जाए तो राज्य भर की परिवहन समितियों के बस स्टैंडों की बकाया फीस का बड़ा गड़बड़झाला सामने आएगा.
बृजपाल सिंह परमार ने आरटीआई सूचना के आधार पर शिकायत दी
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने आरटीआई सूचना के आधार पर इस गड़बड़ी की शिकायत परिवहन मंत्री, हरियाणा सरकार, अतिरिक्त मुख्य सचिव, परिवहन विभाग, विदेश हरियाणा परिवहन विभाग को दी है.
शिकायत में हिसार से दिल्ली के बीच लीज बस पर चलने वाली 16 निजी बसों से 1 करोड़ 3 लाख 2 हजार 323 रुपये जमा कराने की मांग की गई है और इस मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
एक सोसायटी ने किया सरकारी धन का गबन-बृजपाल सिंह परमार
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि एक सोसायटी ने सरकारी पैसे का गबन किया है. जिसके एवज में रोडवेज में 4 नई बसें शामिल हो सकती हैं, अगर सरकार इस बस के परमिट मामले में अड्डा फीस की विजिलेंस जांच कराए तो 10 करोड़ से ज्यादा का घोटाला उजागर हो सकता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के डिपो में रोडवेज अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को बस स्टैंड फीस में मोटी रकम वसूली जा रही है.
22 जिलों के संबंधित बस स्टैंड शुल्क की जांच की गयी
बृजपाल सिंह ने बताया कि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि सांपला बस स्टैंड पर 2016 से 37 लाख 27 हजार 292 रुपये बस स्टैंड फीस बकाया है. रोहतक बस स्टैंड पर 36 लाख 9 हजार 335 रुपए बस स्टैंड फीस बकाया है. महम बस स्टैंड पर 29 लाख 65 हजार 696 रुपये बस स्टैंड शुल्क बकाया है.
इसी प्रकार राज्य के 22 जिलों के संबंधित बस स्टैंड शुल्क की जांच करायी जाये. कई सोसायटी कई वर्षों से रोडवेज को एक भी रुपया नहीं दे रही हैं, जबकि हर साल अधिकारी इन बसों के कैरिज बस रूट पर परमिट का नवीनीकरण कर रहे हैं. स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने परिवहन मंत्री से पूरे राज्य में बस स्टैंड शुल्क की उच्च स्तरीय या विजिलेंस जांच की मांग की है.