पानीपत रोडवेज डिपो के 100 से ज्यादा कर्मचारी 20 महीने में सस्पेंड हुए हैं

पानीपत :- देश के हर विभाग में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। सरकार भ्रष्टाचार को कम करने के लिए आए दिन कुछ नया प्रयास करती है। पानीपत रोडवेज डिपो में भी भ्रष्टाचार और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। रोडवेज डिपो के 100 से ज्यादा कर्मचारी 20 महीने में सस्पेंड हुए हैं। इसके बाद रोडवेज डिपो की कमाई में लाखों रूपए की बढ़ोतरी हुई है। पानीपत रोडवेज डिपो के बेड़े में 140 बस हैं और 580 कर्मचारी कार्यरत है। जीएम कुलदीप जांगड़ा ने 21 महीने पहले पानीपत डिपो का चार्ट संभाला था। उसे दौरान उन्होंने सबसे पहले लापरवाही से काम करने वाले और भ्रष्टाचार फैलाने वाले कर्मचारियों को सस्पेंड करना शुरू किया था।

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भ्रष्टाचारी और लापरवाही करने वाले कर्मचारियों को किया सस्पेंड

पानीपत में काफी सारे कर्मचारी ऐसे थे जो अपनी मनमानी से रूट पर बस चलाते थे और कुछ तो रूपयों का गबन भी करते थे। कुछ ड्राइवर और कंडक्टर ड्यूटी से गैर हाजिर भी करते थे। ऐसे में दो ड्राइवर और चार कंडक्टरों को सस्पेंड किया गया। उसके बाद से यह सिलसिला अभी भी जारी है।

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पानीपत रोडवेज कुछ परिचालक रात को गलत रूट पर दौडा़ते थे बस

कुछ चालक व परिचालक ऐसे भी थे जो सवारियों को टिकट नहीं देते थे‌। ऐसे परिचालक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया। वहीं कुछ लोगों ने शिकायत कि की ड्राइवर रात में निर्धारित रोड पर बस न चला कर दूसरे रूट पर बस दौडा़ते हैं। ऐसे कंडक्टर और ड्राइवर को रंगे हाथ पड़कर उनको भी सस्पेंड किया गया। इसके बाद अब लगभग सभी कंडक्टर और ड्राइवर निश्चित रूट पर ही बस चल रहे हैं। 1 साल पहले भी तीन कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था। इसमें एक कंडक्टर और दो ड्राइवर शामिल थे।

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भ्रष्टाचार कम होने के बाद बढा राजस्व

पहले डिपो में 118 बसें थी और प्रतिदिन 12 लाख रुपए का राजस्व मिलता था। अब 118 बस से प्रतिदिन 13 लाख रुपए का मुनाफा हो रहा है। साथ ही डिपो में 25 नई बस भी शामिल की गई है और तीन बस खराब हो चुकी है। अब 22 बस प्रतिदिन अलग से राजस्व इकट्ठा करती हैं। जब से अधिकारियों ने ड्राइवर और कंडक्टर को सस्पेंड करना शुरू किया है तब से इनके खिलाफ शिकायतें भी न के बराबर हो गई हैं। अब ड्राइवर और कंडक्टर सवारी के साथ गंदा व्यवहार नहीं करते हैं।

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