Karnal News: हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने मांगो को लेकर किया CM आवास कूच, 24 जनवरी को चक्का जाम करने की दी चेतावनी
करनाल :- काफी समय से हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी कुछ मांग को लेकर सीएम की सिटी में घेराव करने का प्लान बना रहे हैं। हाल ही में खबर आई है कि प्रदेश भर के रोडवेज के कच्चे कर्मचारी रविवार को सीएम सिटी में जुटे थे और सीएम आवास का घेराव करने के लिए तैयारी कर रहे थे। मगर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें पहले ही रोक दिया। काफी सारे कर्मचारी की पुलिस से नोकझोंक भी हुई।
इसके बाद मौके पर सीएम के प्रतिनिधि संजय व एसडीएम अनुभव मेहता वहां पहुंचे और उन्होंने कर्मचारियों को मुख्यमंत्री से मुलाकात का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि 10 जनवरी को चंडीगढ़ में आप सबको मुख्यमंत्री से मिलने का मौका मिलेगा। आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने धरना खत्म कर दिया। लेकिन कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो 24 जनवरी से वह पूरे प्रदेश में रोडवेज का चक्का जाम कर देंगे।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने किया CM आवास का घेराव
हरियाणा रोडवेज के कच्चे कर्मचारी कई साल से पक्का करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से अपील कर रहे हैं। लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों ने अपनी मांग को मनवाने के लिए करनाल में सीएम आवास का घेराव किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें पहले ही रोक दिया। इतना ही नहीं कच्चे कर्मचारियों ने रविवार को करण पार्क में बैठक की। दोपहर को रोष मार्च के रूप में सीएम आवास की ओर से कुछ पुलिस कर्मी की तरफ से पार्क का गेट बंद करके कर्मचारियों को रोकने का प्रयास किया गया। कर्मचारियों ने किसी की नहीं सुनी और गेट खोलते हुए आगे बढ़ गए।
कर्मचारियों ने की जमकर नारेबाजी
इसके बाद नारेबाजी करते हुए आप अंबेडकर चौक की तरफ पहुंचे, जहां पर उन्होंने कुछ समय के लिए धरना भी दिया। माल रोड पर भी कर्मचारियों ने कुछ देर के लिए धरना दिया, जिस वजह से रोड पर जाम की स्थिति बन गई। पुलिस ने जब कर्मचारियों को रोड से हटाया तो वह सीएम आवास की ओर बढ़ गए। आवास पर पहुंचने से पहले महिला पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें वहां रोक दिया और कर्मचारी वहीं पर धरने पर बैठ गए। प्रदर्शन की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र दनोंद और महासचिव सुमेर सिवाच ने की।
पिछले 7 साल से कर रहे हैं नियमित होने की मांग
वहां मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि वह पिछले 7 साल से नियमित होने की मांग को लेकर भटक रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांग को लेकर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। कई बार ज्ञापन भी दिए। अब यदि सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो वह बेसन का चक्का जाम कर देंगे।