Himachal News: क्या अब सुधरेगी HRTC की स्थिति , किसको मिलेगी जिम्मेदारी
HRTC News : हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम(HRTC) खस्ता हालत से गुजर रहा है। उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और वर्तमान एमडी रोहन चंद ठाकुर ने मोर्चा संभाला हुआ है। मगर अब रोहन चंद ठाकुर दिल्ली जा रहे हैं जिनकी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति हो गई है। बहुत जल्द वह दिल्ली चले जाएंगे परंतु चर्चा ये है कि जिस तरह से उन्होंने काम चला रखा था वो आगे कैसे चलेगा। आखिर सरकार अब किस अधिकारी को इसकी कमान देगी जो HRTC को खस्ता परिस्थितियों से बाहर निकाल सके।
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परिवहन निगम पर जहां करोड़ों रूपए का कर्जा चढ़ा हुआ है वहीं उसकी आमदनी उतनी ज्यादा नहीं है। इसपर करोड़ों रूपए की राशि उसे अपने कर्मचारियों को देनदारी के रूप में चुकता करनी है। इतना ही नहीं हर महीने एचआरटीसी को वेतन व पेंशन की अदायगी से जूझना पड़ता है। हर महीने सरकार से ग्रांट लेकर वेतन व पेंशन की अदायगी की जाती है और यह सब कुछ इतना आसान नहीं है।
परंतु अब ऐसी परिस्थितियों में रोहन चंद ठाकुर भी एचआरटीसी का साथ छोड़ देंगे जिसके बाद अब चर्चा यही हो रही है कि आखिर कौन इस कांटों भरे ताज को अपने सिर पहनेगा। एचआरटीसी के कर्मचारियों में वर्तमान एमडी की कार्यशैली को लेकर काफी ज्यादा उत्साह है मगर अब उनके जाने से यह लोग निराश भी जरूर हैं। HRTC की हालत में सुधार के लिए प्रदेश सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है।
इसकी आमदनी में सुधार करने के लिए सरकार ने पिछले दिनों HRTC के प्रस्तावों को मानकर सुधारात्मक कदम उठाए हैं। आने वाले समय में भी ऐसे सुधार करने बेहद जरूरी होंगे तभी HRTC बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। इसमें बसों की कमी की जा रही है जिसके लिए लगातार रूट सरेंडर किए जा रहे हैं। पुरानी बसों को हटाकर HRTC नई बसों की खरीद कर रहा है। अभी बसों की खरीद प्रक्रिया भी अधर में है क्योंकि निदेशक मंडल की बैठक नहीं हो पा रही है। निदेशक मंडल की बैठक वर्तमान एमडी के रहते हुए हो जाती है तो कई मसलों को हल कर दिया जाएगा वरना इसमें और ज्यादा समय लग जाएगा।
ऐसे में अभी देखना होगा कि इस बैठक के लिए कब तक समय मिलता है। पुरानी बसों को स्क्रैप में देने का निर्णय भी लिया गया है जिससे एचआरटीसी करोड़ों रूपए कमा रहा है। अभी यह निर्णय लिया गया है कि जो बसें 15 साल से कम की हैं और खस्ता हालत में हैं उनको भी स्क्रैप कर दिया जाए। यह निर्णय भी निदेशक मंडल में होना है जिसके लिए वहां पर पैरवी करनी होगी। ऐसे कई तरह के निर्णय हैं जिनके प्रस्ताव एमडी रोहन चंद ठाकुर ने तैयार कर रखे हैं परंतु अब उनके दिल्ली चले जाने से इन फैसलों को लेने में देरी होगी। इसी आधार पर यह फैसले हो जाएंगे यह भी कहा नहीं जा सकता।