Haryana Roadways: प्राइवेट बस परमिट पॉलिसी से यात्री भी परेशान, रोहतक में हजारों यात्रियों ने हस्ताक्षर अभियान में किये साइन
Haryana Roadways:- प्राइवेट बस परमिट पॉलिसी के केवल हरियाणा रोडवेज कर्मचारी ही परेशान नहीं है बल्कि यात्री भी दुखी है. प्राइवेट वाहनों की मनमानी की वजह से पिछले दिन हुए CET एग्जाम में कई परीक्षार्थियों का एग्जाम भी छूट गया. हरियाणा रोडवेज कर्मचारी साझा मोर्चा के आह्वान पर बस स्टैंड पर निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था. अभियान में कर्मचारियों ने तो साइन किया लेकिन 24,423 यात्रियों ने भी हस्ताक्षर अभियान में उपस्थिति दर्ज कराई है. गुरुवार शाम तक दो दिवसीय इस अभियान का समापन हो चुका है. जिसके यूनियनों के प्रतिनिधियों समेत अनेक पदाधिकारियों ने भाग लिया.
साझा मोर्चा यूनियन से वरिष्ठ नेता रमेश श्योकंद व महासचिव अमित मेहराणा ने बताया कि भाजपा-जजपा सरकार की ओर से अपने पूंजीपति चहेतों को 265 मार्गों पर असीमित हजारों निजी बस परमिट देने के निर्णय के विरोध में यह हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. जिसमें 265 रूट परमिट देने के खिलाफ प्रदेश के भर बस अड्डों पर आम जनता छात्रा व छात्राओं ने पूरे जोश के साथ दो दिन में 5 लाख के लगभग हस्ताक्षर करके सरकार की निजीकरण नीतियों का विरोध किया कहां की सरकार जनता की पसंद, सस्ती व सुरक्षित सरकारी परिवहन सेवा को निजी हाथों में देना चाहती है.
प्राइवेट परमिट देने की मांग न तो जनता की है और न रोडवेज कर्मचारियों की. प्राइवेट बस परमिट पॉलिसी से आम जनता बहुत दुखी है हर दिन किसी न किसी जिले में सरकार की ओर से लागू सुविधाओं को प्राइवेट बसों में न देने के बारे में शिकायते जनता की ओर से की जा रही है. सरकार की ओर से प्राइवेट पॉलिसी को वापस लेकर प्रदेश की बढ़ती जनसंख्या के आधार पर 10 हजार सरकारी बस एक खरीदकर रोडवेज बेड़े में शामिल करें. जिससे आम जनता को सुरक्षित सेवा के साथ-साथ सरकार का राजस्व बढ़ेगा और हजारों बेरोजगार युवाओं को स्थाई रोजगार मिलेगा.
इस अवसर पर सुरेश नेहरा, ओमप्रकाश ग्रेवाल, जयबीर घणघस, आजाद गिल, जगदीप लाठर, वीरेंद्र सिगरोहा, दिनेश हुड्डा, अशोक खोखर समेत अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे. साझा मोर्चा के नेताओं की ओर से सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार परमिट पॉलिसी को वापस और मांगो को लागू नहीं किया गया तो प्रदेश भर के रोडवेज कर्मचारी करनाल में 26 नवंबर मुख्यमंत्री आवास प्रदर्शन करेंगे. व निजीकरण के खिलाफ आम जनता की ओर से किए हस्ताक्षर व ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपेंगे. सरकार की वादाखिलाफी के विरुद्ध 28 दिसंबर को एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी.