Haryana News: रोडवेज में बसों का बेड़ा बढ़ा लेकिन गांव से शहर आने वाले यात्री क्यूं है परेशान
यमुनानगर :- यमुनानगर डिपो में पिछले 5 सालों में करीबन 50 बसों को शामिल किया गया है। लेकिन इसके बाद भी ग्रामीण रूट पर बसों का संचालन न होने के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है ।
ग्रामीण यात्री काफी समय से इन रूटों पर बस सेवा में सुधार करने की मांग कर रहे हैं। एक बार फिर से ग्रामीण क्षेत्र के लोग लोकसभा चुनाव की सर गर्मी के बीच अपनी मांग को पूरा करने के लिए अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।
यमुनानगर के ग्रामीण रूट पर बसों की है कमी
2 साल पहले यमुनानगर डिपो में कुल 130 बस थी जिन में से 115 बस ऑन रूट रहती थी। पिछले साल डिपो में 65 यूरो 6 ,10 एसी ,5 इलेक्ट्रिक बस शामिल की गई थी और पुरानी बसों में से कुछ बस कंडम घोषित हो गई थी ।फिलहाल डिपो में कुल 180 बस है। इनमें से 170 और 175 बस अलग-अलग रूठ पर चलाई जाती हैं। लेकिन ग्रामीण लोगों का कहना है कि नई बस आने के बाद भी ग्रामीण रूट पर बस सेवा को नहीं बढ़ाया गया है।
ग्रामीण यात्रियों को उम्मीद थी कि आसपास के जिस रूट पर बस सेवा उपलब्ध नहीं है उन रूट पर नई बस शामिल होने से बसों का संचालन किया जाएगा और कुछ रूट पर यात्रियों की संख्या ज्यादा है उस पर बसों के फेरे बढ़ाए जाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ।अभी भी कुछ रूट ऐसे हैं जहां पर कोई बस सेवा नहीं है ।खास कर ग्रामीण रूटों से शैक्षणिक संस्था जाने वाले विद्यार्थी बस सेवा न मिलने के कारण ज्यादा परेशान है।
विद्यार्थियों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
यमुनानगर में जगाधरी सहित अन्य बस अड्डा पर विद्यार्थियों को अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ती है। कुछ रूट पर विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से बस में भीड़ हो जाती है और यात्रियों को जगह न मिलने पर धक्का मुक्की करनी पड़ती है।
बहुत बार विद्यार्थियों को बस की छत पर या दरवाजे पर लटक कर शिक्षण संस्थानों में जाना पड़ता है। काफी बार विद्यार्थी भी बस के फेरे बढ़ाने की मांग कर चुके हैं ।लेकिन देखना यह है कि लोगों की मांग कब पूरी होगी।