Diesel Bus: दिल्ली में डीजल बसों पर नकेल, हरियाणा से सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी, बीएस-6 बसों को आने की इजाजत
Diesel Bus:- दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया है कि हरियाणा से राष्ट्रीय राजधानी आने वाली सभी बसों को इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-6 डीजल से चलना होगा. जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में आने वाली बसों को शहर के भीतर आते समय इन मानदंडों का पालन बुधवार से करना होगा.
शहर सरकार के परिवहन विभाग ने कहा कि अगले साल 1 जुलाई से हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर या कस्बे से दिल्ली आने वाली सभी बसें सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-6 डीजल वाली होगी. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा था कि 1 नवंबर से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाली हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों और कस्बों के बीच सिर्फ इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस 6-अनुरूप डीजल बसों को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी.
इस उपाय का मकसद इस क्षेत्र में चलने वाली डीजल बसों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण से निपटाना है जिसका अंतिम लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तन करना है. हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को जारी एक सर्कुलर (परिपत्र) में, परिवहन विभाग ने बसों के लिए दिशानिर्देश साझा किये जो बुधवार से लागू होंगे.
सर्कुलर में कहां गया है हरियाणा और दिल्ली राज्य के किसी भी शहर/ कस्बे के बीच सभी राज्य सरकार की बस सेवाएं 01.11.2023 से सिर्फ ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों के जरिए संचालित की जाएगी. यह राज्य सार्वजनिक उपक्रमों और निजी संस्थाएं आदि द्वारा संचालित बस सेवा के लिए भी लागू किया जाएगा.
सर्कुलर में राजस्थान से आने वाली बसों के लिए दिशानिर्देश बताते हुए कहा गया है कि राजस्थान और दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के किसी भी अन्य शहर या कस्बे के लिए”किसी भी एनसीआर शहर/ कस्बे के बीच सभी बस सेवाएं इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस 6 डीजल वाली होंगी.”
इसमें कहा गया है कि राजस्थान के गैर-एनसीआर क्षेत्र से दिल्ली तक सभी बस सेवाएं भी 01.01.2024 से ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों के जरिए सुनिश्चित की जाएगी. यह राज्य सार्वजनिक उपक्रमों और निजी संस्थानों आदि द्वारा संचालित की जा रही बस सेवाओं पर भी लागू की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के लिए भी इस तरह के दिशानिर्देश तय किए गए
उत्तर प्रदेश राज्य के किसी भी एनसीआर शहर/ कस्बे और दिल्ली के बीच सभी बस सेवाएं 01.11.2023 से सिर्फ ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों के जरिए संचालित की जाएगी. यह राज्य सार्वजनिक उपक्रमों और निजी द्वारा संचालित बस सेवाओं के लिए भी लागू की जाएगी.
इसमें कहा गया, “राज्य के गैर-एनसीआर क्षेत्रों से दिल्ली और अन्य राज्यों के एनसीआर क्षेत्रों के बीच चलने वाली 1,433 राज्य सरकार की बसों को भी 01.07.2024 से बीएस-6 डीजल अनुपालन बसों के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा. यह राज्य सार्वजनिक उपक्रमों और निजी संस्थाएं आदि द्वारा संचालित सेवाओं के लिए भी लागू होगा.
सर्कुलर में कहां गया है कि इसका पालन नहीं करने पर और किसी भी विचलन को मोटर वाहन अधिनियम 1988 में निर्धारित विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा और अधिनियम के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है.
भारत स्टेज उत्सर्जन मानक कार्बन मोनोऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर जैसे वायु प्रदूषकों की मात्रा पर कानूनी सीमा निर्धारित करते हैं. जो वाहन भारत में उत्सर्जित कर सकते हैं ये मानक उत्सर्जन नियंत्रण, ईंधन दक्षता और इंजन डिजाइन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हैं चूंकि वाहन निर्माता इन नए मानदंडों को पूरा करने वाले वाहन प्रदान करते हैं तेल कंपनियां बीएस-VI मानकों का पालन करने वाले ईंधन की आपूर्ति करती है जिसे दुनिया के सबसे स्वच्छ ईंधन के रूप में माना जाता है.
विभाग ने विभिन्न चेक पॉइंट पर 18 प्रवर्तन टीमों को तैनात किया है ताकि यह जांच की जा सके की राजधानी में आने वाली बसें मानदंडों का पालन कर रही है या नहीं.